The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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The working day is observed with wonderful reverence, as followers stop by temples, give prayers, and participate in communal worship activities like darshans and jagratas.

अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।

सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

वर्गानुक्रमयोगेन यस्याख्योमाष्टकं स्थितम् ।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥

गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।

यदक्षरमहासूत्रप्रोतमेतज्जगत्त्रयम् ।

The Tale is a cautionary tale of the power of need along with the requirement to create discrimination by way of meditation and following the dharma, as we progress inside our spiritual path.

By embracing Shodashi’s teachings, people cultivate a daily life enriched with intent, like, and relationship on the divine. Her blessings remind devotees of your infinite natural beauty and wisdom that reside inside, empowering them to Dwell with authenticity and Pleasure.

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥

हादिः काद्यर्णतत्त्वा सुरपतिवरदा कामराजप्रदिष्टा ।

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, click here स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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